सूर्य ग्रहण पड़ने वाले दिन खत्म होगा श्राद्ध पक्ष, नहीं मान्य होगा सूतक काल!

साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर के दिन लगेगा। इसके अलाचा 2 अक्टूबर यानि की बुधवार के दिन ही सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष भी समाप्त हो जएगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

दरअसल, जिन भी पूर्वजों की सही मृत्यु की तारीख़ मालूम नहीं होती है उन्हीं का श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है। ऐसे में बताते चलें की 2 अक्टूबर की रात्रि 9:17 बजे से सुबह के 3:14 बजे तक सूर्य का ग्रहण रहेगा। ये एक प्रकार का वलयाकार ग्रहण होगा, इसका दूसरा नाम रिंग ऑफ फायर भी है।

खगोल शास्त्र के जानकारों के मुताबिक ये एक बेहद महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक होने वाली है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर माना जाए तो दरअसल वलयाकार सूर्य  ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है ओर जितना भी सूरज का रेमेनिंग पार्ट यानी की बचा हुआ हिस्सा होता है उसमें एक चमचामाती रिंग के रूप में दिखाई पड़ता है।

वैसे इस बार के सूर्य ग्रहण का नहीं होगा सूतक काल में मान्य 

यदि धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण स्टार्ट होने से तक़रीबन 9 घंटे के पहले और और सूर्य ग्रहण के 12 घंटे के पहले इसके समापन तक का समय सूतक काल का होता है। सूतक काल जो समय होता है ये बहुत ही ज्यादा अशुभ होता है।

इसके पड़ने पर मंदिरों तक के दरवाजों और कापाटों को बंद कर दिया जाता है। लेकिन एक चीज और भी है की जोस जगह पर ग्रहण मान नहीं होता वहां सूतक काल बिलकुल भी मान्य नहीं होता है।

भारत में देखने को नहीं मिलेगा सूतक 

ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी इलाकों जैसे की अर्जेंटीना, फिजी, चिली, ब्राजील, मैक्सीको में दिखाई दे सकता है। वहीं, ये भारत में देखने को नहीं मिलेगा।

कर सकेंगे बड़े आराम से तर्पण और श्राद्ध 

इस सूर्य के ग्रहण का किसी भी तरीके से या किसी भी समय में धार्मिक कार्यों में कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। बड़े ही आसानी से श्राद्ध या तर्पण किया जा सकता है।