अक्टूबर महीने कि सर्वपितृ अमावस्या मानी जाती है बहुत खास, जानें तर्पण का शुभ मुहूर्त!

Amavasya October 2024: ये तो आप भी जानते ही होंगे कि पितृ पक्ष कि अमावस्या बहुत ही ज्यादा अच्छी और शुभ मानी जाती है। इस दिन खासतौर पर पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है। इसी पितृ पक्ष कि अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या, पितृविसर्जित अमावस्याऔर महसलया अमावस्या भी कहा जाता है।

वहीं, इस अमावस्या में सभी पितरों को याद किया जाता है चाहे भले वो कहीं पर भी हों। जानकारी बढ़ाने के लिए एक बात और भी है कि अश्विन महीने कि प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तिथि तक पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इसके आखिरी दिन अमावसब होती है, जब घर से पितरों को विदा कह दिया जाता है।.

अमावस्या के दिन स्नान करने के साथ अच्छे से घर के चारों ओर कि साफ सफाई करें साथ ही सूर्य देवता में जल चढ़ाकर उनसे आशीर्वाद लें और विधि विधान से पूजा अर्चना करें।

इस बात का और ध्यान रखना चाहिए कि सात्विक भोजन को तैयार कर, परिवार में जीतने भी पुरुष हैँ उन्हें तर्पण करना चाहिए और ब्राह्मण को भोजन करवा देना चाहिए। फिर कुत्ते, गाय, गिलहरी जैसे जानवरों के लिए खाना निकाले जाने कि भी अच्छी परमपरा है। फिर बाद में इच्छानुसार गरीबों को खाना खिला दें और उनसे आशीर्वाद लें कि पितर वापस चलें जाए, जहां से आए हैँ।

जानिए कि आख़िरकार अमावस्या कि तिथि है कब से

साल 2024 ने अमावस्या कि तिथि 1 अक्टूबर को 9:39 पर प्रारम्भ होगी फिर अगले तक ये चलेगी समय रहेगा 12:18 बजे। इसके साथ ही क़ुतुब काल 11:12 से 12 बजे तक रूहीन काल 12:00 से 12:47 तक और अपहण काल 12:47 से 3:11 तक रहेगा।

मान्यतानुसार जो भी लोग पितर पक्ष में नॉन वेज खाते हैँ, उनके शरीक के साथ मानसिक सेहत भी डैमेज हो जाती है।

साथ ही अमावस्या के दौरान जो भी लोग भूखे जानवरों और गरीबों को खान पान कराते हैँ, उनके जीवन में होने वाले कष्ट भी पहले से ही दूर हो जाते हैँ। इसलिए गाय, कुत्ता, कौवा यानि कि पक्षी और जानवरों को जरूर भोजन खिलाएं। अपने जीवन से पाप को दूर करें।

वहीं, ब्राह्मणों को भोजन कराना भी अच्छा माना जाता है, कहते बैन कि ये जो भी भोजन करेंगे वो सीधे पितरों तक पहुँचता है।