Earthquake In Russia: क्या आपने हाल ही में रूस में आए एक भयंकर भूकंप की खबर सुनी है, जिसने दुनिया भर में सुनामी अलर्ट जारी कर दिया था? सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि रूस के कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) में 8.7 या 8.8 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसने जापान से लेकर अमेरिका तक सबको हिलाकर रख दिया. लेकिन क्या यह सच है?
चलिए इस खबर की तह तक जाते हैं और जानते हैं कि क्या हुआ था.
असल में, यह खबर कुछ पुरानी है और इसमें कई गलतियाँ हैं. 2006 में रूस के कुरील द्वीप समूह के पास 8.3 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया था, लेकिन 8.7 या 8.8 की तीव्रता वाला कोई भी भूकंप हाल के दिनों में दर्ज नहीं हुआ है.
जब इतना बड़ा भूकंप आता है, तो सच में उसके झटके दूर तक महसूस होते हैं और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन जैसा कि इस आर्टिकल में दावा किया गया है, “पूरी दुनिया को हिला दिया,” यह एक अतिरंजित बात है. इस तरह के भूकंप का असर मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों पर होता है.
वायरल खबर की हकीकत
आइए, उन दावों पर एक नज़र डालते हैं जो इस खबर में किए गए हैं और उनकी सच्चाई जानते हैं:
भूकंप की तीव्रता: आर्टिकल में 8.7 और 8.8 की तीव्रता बताई गई है, जो कि बहुत ही ज़्यादा है. USGS (United States Geological Survey) के अनुसार, 2006 के भूकंप की तीव्रता 8.3 थी.
सुनामी की लहरें: यह सच है कि 2006 के भूकंप के बाद जापान, रूस और अमेरिका के अलास्का में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी. कुरील द्वीप (Kuril Islands) पर 13 फीट तक ऊंची लहरें भी देखी गई थीं.
तबाही के दावे: वायरल खबर में हवाई में डिज्नी रिसॉर्ट खाली कराने और कैलिफ़ोर्निया के तटों पर अलर्ट जैसी बातें कही गई हैं. यह भी सच है कि प्रशांत महासागर में ऐसे अलर्ट जारी होते हैं, लेकिन हर बार तबाही हो, यह ज़रूरी नहीं है.
परमाणु संयंत्र (Nuclear Plant): खबर में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से कर्मचारियों को हटाने की बात की गई है, जो जापान में है. यह जानकारी भी 2011 में आए भूकंप से जुड़ी हो सकती है, जब सच में फुकुशिमा में बड़ा हादसा हुआ था.
सीधी बात: इस खबर में कई पुरानी और अलग-अलग घटनाओं की जानकारी को मिलाकर पेश किया गया है, जिससे यह भ्रम पैदा होता है. एक बड़े भूकंप के बाद सुनामी का खतरा होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार बड़ी तबाही हो.
तो क्या है सच?
अगर आप भूकंप और सुनामी की सटीक जानकारी चाहते हैं, तो हमेशा आधिकारिक स्रोतों जैसे कि USGS (United States Geological Survey) और PTWC (Pacific Tsunami Warning Center) की वेबसाइट देखें.
आजकल फेक न्यूज़ और गलत जानकारी बहुत तेज़ी से फैलती है, इसलिए किसी भी खबर पर तुरंत विश्वास करने से पहले उसकी सच्चाई की जाँच करना बहुत ज़रूरी है. क्या आपने हाल ही में किसी और भूकंप के बारे में कोई वायरल खबर देखी है? उसके बारे में हमें बताएं!