AI की हेल्प से हुआ ‘जादू’! मृत लड़के का 7 साल बाद लिया गया इंटरव्यू , लोगों ने जताई नाराजगी

AI: आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस यानी AI की हेल्प से कई सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं और इससे की लाखों लोग प्रभावित भी रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की पिछले कुछ बीते दिनों में AI की हेल्प से मौत के लगभग 7 साल बाद एक व्यक्ति का TV पर लाइव इंटरव्यू हुआ था। यह जयंती चौकाने वाली बात न्यूज लग रही उतनी ही चिंताजनक भी है।

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फेमस पत्रकार जिम अकोस्टा की ओर से 2018 वर्ष में पार्कलैंड स्कूल शूटिंग में मारे गए एक स्टूडेंट जोक्विन ऑलिवर का इंटरव्यू इनकी मौक के करीब सात साल बाद लिया गया है। उन्होंने कहा की AI बेस्ड डिजिटल अवतार के साथ लिए गए इंटरव्यू का लक्ष्य गन कण्ट्रोल को बढ़ावा देना था और इसको उनके पिता के अनुमति से तैयार किया गया था।

नैतिकता पर उठे कठिन सवाल

जहाँ इस इंटरव्यू को लेकर कुछ को भावुक तो वहीँ कुछ लोगों ने इसको गलत और अनैतिक बताया। यह भी सवाल उठ रहा है की उनकी अनुमति के बिना उनके डिजिटल वर्जन को वापस लाना और उनका AI अवतार तैयार करना कहाँ तक सही है। इन्ही सब लोग को लेकर पर्सनल इंडिपेंडेंस और डिजिटल हेरिटेज को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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एक्सपर्ट नहीं पक्ष में

आम जनता के अलावा एक्सपर्ट भी किसी मृत व्यक्ति के अवतार करने, उससे बात करने या सन्देश तैयार करने के लिए यूज किये जाने के पक्ष में नहीं है। उनके मुताबिक, AI टेक्नोलॉजी से तैयार मरे हुए लोगों के अवतारों से बात करना इससे राहत जरूर मिल सकती है लेकिन इससे लोग वास्तविकता से दूर हो जाते हैं और फिर सच को भी स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। ऐसे अवतार भावनात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और एक वर्चुअल दुनिया में बंध जाते हैं। ऐसे में मानसिक और कई मायनों में शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति भी बन जाते हैं।

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