Guru Purnima 2025: दरअसल, इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. इसलिए इस पावन दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हर कोई जानना चाहता है कि इस बार गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त क्या है, है ना? तो आपको बता दें कि इस साल पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को देर रात 1 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो चुकी है और 11 जुलाई को देर रात 2 बजकर 6 मिनट पर खत्म होगी.
स्नान और पूजन का शुभ मुहूर्त
अगर आप स्नान और दान का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो वो सुबह 4 बजकर 10 मिनट से 4 बजकर 50 मिनट तक था. वहीं, भगवान श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
गुरु पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजन
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठते ही सबसे पहले अपने घर को अच्छे से साफ करके शुद्ध कर लें. फिर नहाकर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद किसी पवित्र जगह या पूजा स्थल पर एक साफ सफेद कपड़ा बिछाकर व्यास पीठ तैयार करें. उस पर वेदव्यास जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
फिर वेदव्यास जी को चंदन, कुमकुम, फूल, फल और मिठाई आदि अर्पित करें. इस खास दिन पर वेदव्यास जी के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य जैसे महान गुरुओं को भी याद करना न भूलें. इस मौके पर अपने गुरु के साथ-साथ माता-पिता, दादा-दादी और परिवार के सभी बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लें.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
अगर आपको गुरु पूर्णिमा का महत्व नहीं पता, तो जान लीजिए! इस खास दिन पर शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं. अपनी श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा, फूल, कपड़े आदि भेंट करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिष्य अपने सभी अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देते हैं. शिष्य अपने जीवन में मिली सफलता का श्रेय भी गुरु को देते हैं. कहते हैं कि गुरु की पूजा और उपासना से जीवन में हर चीज बड़ी आसानी से मिल जाती है.